एक सप्ताह पहले ही फ़ैलिन नामक चक्रवात ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश से गुज़रते हुए तबाही मचा दी थी. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 200 कि.मी.की रफ़्तार से चलने वाली हवाओं ने समुद्रतटीय इलाकों में बिजली के पारेषण की ढाँचागत सुविधाओं को काफ़ी प्रभावित किया है. बिजली का वितरण करने वाले हज़ारों खंभों और हज़ारों किलोमीटर तक उनकी तारों के उखड़ जाने के कारण विशेष तौर पर ओडिसा के कुछ ज़िले बिजली की भारी कमी से अभी भी जूझ रहे हैं. परंतु फ़ैलिन के दौरान जिस संभावित तबाही से हम बच गये हैं, वह है बड़े स्तर पर ग्रिड फ़ेल होने की तबाही.
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